चीन द्वारा लद्दाख में दो काउंटी बसाने पर भारत का कड़ा विरोध, सरकार ने उठाए कूटनीतिक कदम।

भारत सरकार ने शुक्रवार (21 मार्च, 2025) को संसद में बताया कि चीन ने भारतीय क्षेत्र में दो नई काउंटी बसाई हैं, जिनमें से एक काउंटी लद्दाख के कुछ हिस्सों में स्थित है। इस पर सरकार के राजनयिकों ने चीन के इस कदम का विरोध किया है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में स्पष्ट किया कि भारत सरकार ने कभी भी चीन के अवैध कब्जे को स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन द्वारा काउंटी बसाने से न तो भारतीय क्षेत्र की संप्रभुता पर कोई असर पड़ेगा, और न ही चीन के अवैध कब्जे को वैधता मिलेगी। सरकार ने कूटनीतिक तरीकों से इस कदम पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है और भारत के क्षेत्रीय अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत सरकार ने संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए बताया कि उसे होटन प्रांत में चीन द्वारा दो नई काउंटियों की स्थापना की जानकारी है, जिनमें लद्दाख का कुछ हिस्सा भी शामिल है। सरकार ने स्पष्ट किया कि चीन के सीमा क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास की जानकारी भी उसे है। भारत सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार पर विशेष ध्यान दिया है, जिससे इन क्षेत्रों का आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जा सके और साथ ही रणनीतिक व सुरक्षा आवश्यकताएं पूरी की जा सकें। सरकार ने बताया कि पिछले दशक में सीमा बुनियादी ढांचे के लिए बजट आवंटन में बढ़ोतरी की गई है, और बीआरओ ने भी बुनियादी ढांचे पर तीन गुना अधिक खर्च किया है। सड़क नेटवर्क, पुलों और सुरंगों की लंबाई में भी पिछले वर्षों की तुलना में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
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