शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण: जानिए इस दिन कौन से कार्य आपको लाभ देंगे और कौन से नुकसान।

ज्योतिष शास्त्र में 29 मार्च की तारीख को विशेष महत्व दिया जा रहा है, क्योंकि इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या एक साथ होने जा रहे हैं। यह दुर्लभ संयोग शनि देव के प्रभाव को और भी अधिक मजबूत बना देता है। शनि अमावस्या पर शनि देव का खास असर होता है और यह दिन शनि साढ़े साती और ढैय्या जैसे दोषों से मुक्ति पाने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दोपहर 2:20 बजे से शुरू होकर, शाम 6:16 बजे तक रहेगा। इस दिन विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस दिन कौन से काम नहीं करने चाहिए और क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए, ताकि आप इस खास दिन का सही तरीके से लाभ उठा सकें।
29 मार्च को भूलकर भी न करें ये काम
* इस दिन किसी भी जानवर को जैसे- जैसे गाय, कुत्ते और कौवे को कष्ट न पहुंचाएं।
* इस दिन बड़े-बुजुर्गों का अपमान न करें। वरना शनि देव का प्रकोप बढ़ सकता है।
* इस दिन नशा, चोरी आदि जैसे बुरे कार्य भूलकर भी न करें। वरना आपको शनि देव का दंड झेलना पड़ेगा।
* सूर्य ग्रहण के समय कोई भी शुभ और मांगलिक कार्यों को करना वर्जित माना गया है।
* ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्ति को भी स्पर्श न करें। ग्रहण के समय मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।
* शनि अमावस्या के दिन दाढ़ी,नाखून, बाल न काटें। ऐसा करने से शनि दोष लगता है।
* इस दिन तामसिक चीजों से दूरी बनाकर रखें।
सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या के दिन करें ये काम
* शनि अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान-दान जरूर करें।
* शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण के संयोग में दान पुण्य करें। गरीब और जरूरतमंदों की मदद करें।
* शनि देव और सूर्य मंत्रों का जाप करें।
* ग्रहण के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें और पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान भी करें।
* शनि अमावस्या के दिन शाम के समय पीपल पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीया जलाएं।
* शनि अमावस्या के दिन शनि देव को सरसों का तेल और काला तिल अर्पित करें।
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