भारत की हॉकी स्टार वंदना कटारिया ने अपनी शर्तों पर खेल को कहा अलविदा। 

भारतीय महिला हॉकी टीम की प्रमुख खिलाड़ी वंदना कटारिया ने मंगलवार को इंटरनेशनल हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा की। 32 वर्षीय वंदना ने 15 वर्षों तक भारतीय हॉकी में अपार योगदान दिया और कुल 320 इंटरनेशनल मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जो किसी भी भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी द्वारा खेले गए मैचों का सर्वाधिक रिकॉर्ड है। अपने संन्यास की घोषणा करते हुए वंदना ने कहा कि वह अपने करियर के शिखर पर रहते हुए ही खेल को अलविदा लेना चाहती थीं, और यह फैसला थकान या जुनून की कमी से नहीं, बल्कि अपनी शर्तों पर हॉकी को छोड़ने के लिए लिया है। उन्होंने इस निर्णय को गर्व के साथ लिया और कहा कि भारत की जर्सी पहनने का गौरव, हर गोल का रोमांच और दर्शकों की गर्जना हमेशा उनके साथ रहेगी।

वंदना कटारिया ने 2009 में भारतीय सीनियर टीम से डेब्यू किया था और अपने करियर में कई महत्वपूर्ण खिताब जीते। टोक्यो ओलंपिक 2020 में जब भारतीय महिला टीम चौथे स्थान पर रही थी, तब कटारिया ने एक मैच में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचा था। संन्यास की घोषणा करते हुए, उन्होंने अपनी टीम, कोचों और मेंटर्स के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनके करियर को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कटारिया ने अपने पिता को अपने करियर की नींव बताया और उन्हें अपनी सफलता का श्रेय दिया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा कि उनके दिवंगत पिता ही उनके सबसे बड़े मार्गदर्शक थे और उनके बिना हॉकी खेलने का सपना कभी पूरा नहीं हो सकता था। हालांकि वंदना कटारिया ने इंटरनेशनल हॉकी से विदा लेने का निर्णय लिया है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वह पूरी तरह से इस खेल से दूर नहीं जाएंगी। वह हॉकी इंडिया लीग में हिस्सा लेंगी और अन्य स्तरों पर भी खेलती रहेंगी। उनके जुनून और इस खेल से जुड़ी यादें हमेशा उनके साथ रहेंगी।

 

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