क्या है कामदा और वरुथिनी एकादशी का महत्व? जानें अप्रैल माह के व्रत की पूरी जानकारी।

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, जिसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस व्रत से घर में सुख-समृद्धि और संपन्नता बनी रहती है। हर महीने दो बार एकादशी का व्रत आता है, एक शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी आती हैं, लेकिन अधिक मास (मलमास) होने पर यह संख्या 26 हो जाती है। अब, हम जानेंगे कि अप्रैल माह में एकादशी व्रत कब-कब होगा और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
कामदा एकादशी व्रत का विशेष महत्व है और इसे चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। इस व्रत को करने से जातक की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। इस व्रत में उपवास रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। एकादशी तिथि का आरंभ 7 अप्रैल को रात 8 बजे होगा और इसका समापन 8 अप्रैल को रात 9:12 बजे होगा। इस दिन पारण का शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल 2025 को सुबह 6:26 बजे से 8:56 बजे तक रहेगा, जो विशेष रूप से लाभकारी है। इसके बाद, वरुथिनी एकादशी व्रत 24 अप्रैल 2025 को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से आर्थिक परेशानियों से मुक्ति दिलाने के लिए किया जाता है। वरुथिनी एकादशी का व्रत रखने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है। एकादशी तिथि का प्रारंभ 23 अप्रैल को शाम 4:43 बजे से होगा और समाप्ति 24 अप्रैल को दोपहर 2:32 बजे होगी। इस दिन पारण का शुभ समय 25 अप्रैल 2025 को सुबह 6:14 बजे से 8:47 बजे तक रहेगा। इस व्रत को रखने से व्यक्ति के जीवन में संतुलन और समृद्धि आती है।
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