नवरात्रि में घर में अखंड ज्योति जलाने से जानिए कैसे मिलेगा सुख, समृद्धि और मानसिक शांति का आशीर्वाद।

नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की पूजा और आराधना का एक खास अवसर होता है। इस दौरान भक्तगण देवी माँ के नौ रूपों की पूजा करते हैं और उपवासी व्रत रखते हैं। नवरात्रि में एक खास परंपरा है – अखंड ज्योति जलाना। यह ज्योति न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने के रूप में भी देखा जाता है। आज हम जानेंगे कि अखंड ज्योति जलाने के क्या नियम होते हैं, इसके फायदे क्या हैं, और अगर यह ज्योति बुझ जाए तो हमें क्या करना चाहिए।
1. स्थान का चयन : ज्योति को घर के पूजा स्थान पर ही जलाना चाहिए। यह स्थान साफ और शांत होना चाहिए ताकि पूजा में कोई विघ्न न आए। ज्योति जलाने के नियम:
2. दीपक का प्रकार: घी का दीपक सबसे उत्तम माना जाता है, क्योंकि इससे उत्पन्न होने वाली लौ शुद्ध और निरंतर जलती रहती है।
3. ध्यान और मंत्र : ज्योति जलाने के साथ-साथ देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है। इससे पूजा का प्रभाव और बढ़ जाता है।
4. नियमित देखभाल : दीपक को जलता हुआ रखने के लिए उसकी नियमित देखभाल करनी चाहिए। अगर दीपक बुझ जाए तो उसे तुरंत फिर से जलाना चाहिए।
5. स्वच्छता का ध्यान : पूजा स्थान और दीपक की स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है। इस बात का ध्यान रखें कि दीपक के आसपास कोई गंदगी न हो।
अखंड ज्योति जलाने के फायदे:
- यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
- देवी माँ की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
- यह घर के वातावरण को शुद्ध करता है और नकारात्मकता को दूर करता है।
- नवरात्रि में इस ज्योति के जलाने से व्रति और पूजा का महत्व बढ़ जाता है।
अगर ज्योति बुझ जाए तो क्या करें?
- अगर किसी कारणवश दीपक बुझ जाए तो उसे तुरंत पुनः जलाना चाहिए। इस दौरान ध्यान रखें कि दीपक को बिना किसी अन्य व्यक्ति द्वारा छुए जलाएं।
- अगर दीपक का तेल या घी खत्म हो जाए तो उसे फिर से भर लें और नई तेल से दीपक जलाएं। इस प्रकार, नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाना एक बहुत ही पवित्र और लाभकारी परंपरा है, जो घर में शांति और समृद्धि लाती है।
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